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मैं किसी ऐसे व्यक्ति को कैसे भूल जाऊं जिसे मैं अभी भी प्यार करता हूँ?

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  • मैं किसी ऐसे व्यक्ति को कैसे भूल जाऊं जिसे मैं अभी भी प्यार करता हूँ?

दिल के टूटे तारों को जोड़ना — प्यार को भूलना आसान नहीं, पर संभव है
साधक, मैं समझ सकता हूँ कि जब दिल किसी के लिए धड़कता है, तो उसे भूल पाना कितना कठिन होता है। यह कोई कमजोरी नहीं, बल्कि आपकी गहराई से जुड़ी भावनाओं की पहचान है। चलिए, इस जादुई सफर में मैं आपकी साथी बनकर गीता के अमृतमय शब्दों से आपको सहारा देता हूँ।

🕉️ शाश्वत श्लोक

श्लोक:
योगस्थः कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनञ्जय।
सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥

(भगवद् गीता, अध्याय 2, श्लोक 48)
हिंदी अनुवाद:
हे धनञ्जय (अर्जुन)! अपने कर्मों में स्थिर रहो, आसक्ति त्याग दो। सफलता और असफलता को समान समझो। यही समत्व योग कहलाता है।
सरल व्याख्या:
जब हम किसी व्यक्ति को भूलना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने मन को स्थिर करना ज़रूरी है। न तो प्यार की यादों में डूबो, न ही उनसे लड़ो। सफलता या असफलता की तरह, प्यार में भी संतुलन बनाएं। यह संतुलन आपको मन की शांति देगा।

🪬 गीता की दृष्टि से मार्गदर्शन

  1. आसक्ति त्यागना सीखो: प्यार को याद रखना ठीक है, पर उससे जुड़ी आसक्ति को छोड़ना जरूरी है। आसक्ति ही दर्द का कारण बनती है।
  2. स्वयं पर नियंत्रण: अपने भावनाओं को नियंत्रित करना योग है। भावनाओं का गुलाम मत बनो।
  3. कार्य में लीन रहो: अपने जीवन के उद्देश्य और कर्तव्यों में लग जाओ। इससे मन व्यस्त रहेगा और दर्द कम होगा।
  4. समान दृष्टि अपनाओ: सफलता और असफलता, खुशी और दुख को एक समान समझना सीखो। यह दृष्टिकोण मन को स्थिर करता है।
  5. स्वयं को प्रेम दो: खुद से प्रेम करना सीखो, क्योंकि वही सबसे स्थायी और शुद्ध प्रेम है।

🌊 मन की हलचल

शायद मन कह रहा होगा — "मैं उसे भूल नहीं सकता, हर याद दिल में घर कर गई है।" यह स्वाभाविक है। दिल में बसे किसी को भूलना आसान नहीं होता। पर याद रखो, यादें हमें बांधती हैं, पर हमें परिभाषित नहीं करतीं। तुम्हारा दुख तुम्हारा हिस्सा है, पर तुम्हारा पूरा जीवन नहीं।

📿 कृष्ण क्या कहेंगे...

"साधक, मैं जानता हूँ तुम्हारा मन कितना व्यथित है। पर याद रखो, यह संसार परिवर्तनशील है। जो आता है, वह जाता भी है। तुम अपने कर्मों में स्थिर रहो, अपने कर्तव्यों का पालन करो, और मुझ पर विश्वास रखो। मैं तुम्हारे भीतर हूँ, तुम्हारे साथ हूँ। जब भी मन उदास हो, मुझसे संवाद करो। मैं तुम्हें उस शांति से जोड़ूंगा जो तुम खोज रहे हो।"

🌱 एक छोटी सी कहानी / उपमा

एक बार एक नदी के किनारे एक युवक बैठा था, जो एक सुंदर फूल को पकड़ कर रखे हुए था। फूल धीरे-धीरे मुरझाने लगा। नदी के प्रवाह को देखकर उसने सोचा, "फूल को पकड़ कर रखना ठीक नहीं, उसे नदी के बहाव में छोड़ देना चाहिए।" जैसे नदी बहती रहती है, वैसे ही जीवन भी चलता रहता है। जो चीजें हमें दुख देती हैं, उन्हें छोड़ देना ही मुक्ति है।

✨ आज का एक कदम

आज अपने मन में एक छोटा सा वादा करो: कम से कम आधे घंटे के लिए अपने प्रिय कार्यों में पूरी तरह डूब जाओ। चाहे वह पढ़ाई हो, लेखन हो, योग हो या कोई रचनात्मक कार्य। अपने मन को व्यस्त रखना, उसे शांत करने का पहला कदम है।

🧘 भीतर झांके कुछ क्षण

  • क्या मैं अपने मन की उस याद को पकड़ कर रख रहा हूँ जो मुझे दुख देती है?
  • क्या मैं अपने दिल को वह जगह दे रहा हूँ जहाँ शांति और संतुलन रह सके?

🌼 दिल की धड़कनों में फिर से मुस्कान
साधक, याद रखो कि प्यार का मतलब केवल साथ होना नहीं, बल्कि सीखना, बढ़ना और खुद को समझना भी है। तुम्हारा दिल भले ही अभी टूट रहा हो, पर वह फिर से जोड़ने की शक्ति भी रखता है। मैं तुम्हारे साथ हूँ, इस यात्रा में हर कदम पर। धैर्य रखो, समय के साथ सब ठीक होगा।
शुभकामनाएँ और प्रेम सहित।
— आपका गुरु

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