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सोशल मीडिया पर सफल दिखने के दबाव को कैसे संभालें?

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चलो यहाँ से शुरू करें: सोशल मीडिया के झूठे आईने से बाहर निकलना
साधक,
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया की चमक-दमक ने हम सबके मन में एक नई उलझन पैदा कर दी है। हर कोई अपने जीवन को एक परफेक्ट तस्वीर की तरह दिखाने की कोशिश करता है, और इससे हमारे मन में तुलना, जलन और "फोमो" (FOMO - डर कि कहीं हम पीछे न रह जाएं) की भावनाएँ जन्म लेती हैं। यह पूरी तरह से समझने योग्य है कि तुम इस दबाव में फंसे हुए महसूस कर रहे हो। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो; हर किसी के मन में यह संघर्ष होता है। आइए, गीता के अमृत वचन से इस उलझन का हल खोजें।

🕉️ शाश्वत श्लोक

अध्याय 2, श्लोक 47
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

हिंदी अनुवाद:
तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने तक है, उसके फलों पर कभी नहीं। इसलिए कर्म के फल की इच्छा मत करो और न ही कर्म न करने में आसक्त हो।
सरल व्याख्या:
इस श्लोक का संदेश है कि हमें अपने कर्म (कार्य) पर ध्यान देना चाहिए, न कि दूसरों के कर्मों या उनकी उपलब्धियों के साथ अपनी तुलना करने पर। सोशल मीडिया पर दूसरों की सफलता देखकर मन में जलन या डर उत्पन्न करना, अपने कर्म से ध्यान भटकाना है। अपने कार्य पर ध्यान दो, फल को छोड़ दो।

🪬 गीता की दृष्टि से मार्गदर्शन

  1. अपने कर्म पर ध्यान केंद्रित करो: दूसरों की चमक-दमक देखकर विचलित न हो, अपने प्रयासों में सच्चाई और लगन रखो।
  2. परिणाम की चिंता त्यागो: सोशल मीडिया पर दिखने वाली सफलता अक्सर केवल सतही होती है, असली सफलता अपने कर्म और संतोष में है।
  3. स्वयं के मूल्य को समझो: तुलना और जलन से बचो, क्योंकि हर व्यक्ति की यात्रा अलग होती है।
  4. मन को संयमित रखो: "फोमो" की भावना को पहचानो, पर उससे विक्षिप्त न हो। यह केवल मन का भ्रम है, जो तुम्हें असली शांति से दूर ले जाता है।
  5. अहंकार और मोह से मुक्त रहो: दूसरों की सफलता देखकर ईर्ष्या करना अहंकार की सूक्ष्म अभिव्यक्ति है, जो मन को अशांत करता है।

🌊 मन की हलचल

तुम सोच रहे हो, "क्यों वे इतने सफल लगते हैं, और मैं नहीं? क्या मेरे प्रयास कम हैं?" यह स्वाभाविक है। पर याद रखो, सोशल मीडिया पर दिखाया गया जीवन अक्सर वास्तविकता से बहुत अलग होता है। तुम्हारा असली मूल्य किसी स्क्रीन पर नहीं, तुम्हारे भीतर की शांति और संतोष में है। जब मन तुलना की आग में जलता है, तो यह खुद को खोने जैसा होता है। ऐसे समय में गहरी सांस लेकर अपने भीतर लौटो।

📿 कृष्ण क्या कहेंगे...

"हे साधक,
तुम्हारा ध्यान दूसरों के दिखावे पर न लगाओ। अपने कर्मों को पूरी निष्ठा और समर्पण से करो। जो फल तुम्हारे लिए लिखा है, वह तुम्हें अवश्य मिलेगा। दूसरों की चमक तुम्हें अपनी असली रोशनी से दूर न करे। याद रखो, मैं तुम्हारे अंदर भी हूँ, तुम्हारे प्रत्येक प्रयास में साथ हूँ।"

🌱 एक छोटी सी कहानी / उपमा

एक बार एक छात्र था जो परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए बहुत मेहनत करता था। वह हमेशा अपने दोस्तों के परिणामों से तुलना करता और खुद को कमतर समझता। एक दिन उसके गुरु ने उसे कहा, "तुम्हारी दौड़ तुम्हारी अपनी है, दूसरों की दौड़ से तुलना मत करो। अगर तुम अपने रास्ते पर निरंतर चलते रहो, तो सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी।" उस छात्र ने गुरु की बात मानी और अपने प्रयासों पर ध्यान दिया। अंत में, उसने न केवल परीक्षा में सफलता पाई, बल्कि आत्मविश्वास भी पाया।

✨ आज का एक कदम

आज, सोशल मीडिया पर जब भी तुम्हें तुलना या जलन महसूस हो, तो एक गहरी सांस लो और खुद से कहो:
"मैं अपने कर्म में श्रेष्ठ हूँ, और मुझे दूसरों से तुलना नहीं करनी। मैं अपनी यात्रा पर ध्यान केंद्रित करता हूँ।"

🧘 भीतर झांके कुछ क्षण

  • क्या मैं अपने प्रयासों को पूरी निष्ठा और प्रेम के साथ कर रहा हूँ?
  • क्या मैं दूसरों की चमक देखकर अपने अंदर की रोशनी को बुझा रहा हूँ?

शांति की ओर एक कदम
साधक,
तुम्हारे मन की यह हलचल अस्थायी है, जैसे बादल आकाश को छिपाते हैं पर सूरज फिर भी चमकता रहता है। सोशल मीडिया की चमक-दमक में खो जाने के बजाय, अपने भीतर की सच्ची चमक को पहचानो। हर दिन अपने कर्मों में सच्चाई और संयम रखो, और देखो कैसे मन की शांति तुम्हारे जीवन का स्थायी साथी बन जाती है। तुम अकेले नहीं हो, मैं तुम्हारे साथ हूँ।
शुभकामनाएँ।
ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।

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