Skip to header Skip to main navigation Skip to main content Skip to footer
Hindi
Gita Answers
Gita Answers
जब जीवन प्रश्न करता है, गीता समाधान देती है

मुख्य नेविगेशन

  • मुख्य पृष्ठ

अपना संदेह पूछें… गीता राह दिखाएगी

शादी में संघर्षों से निपटने के लिए कृष्ण की सलाह क्या है?

पग चिन्ह

  • मुख्य पृष्ठ
  • शादी में संघर्षों से निपटने के लिए कृष्ण की सलाह क्या है?

साथ चलना है, संघर्षों को समझना है
साधक, शादी एक सुंदर यात्रा है जहाँ दो आत्माएँ एक साथ चलती हैं। परंतु इस रास्ते में कभी-कभी तूफान भी आते हैं, संघर्ष होते हैं। यह स्वाभाविक है। कृष्ण की गीता हमें यही सिखाती है कि कैसे हम इन संघर्षों को समझदारी, प्रेम और धैर्य से पार कर सकते हैं। तुम अकेले नहीं हो, हर जोड़ी अपने अंदर की लड़ाइयों को जीतने की कोशिश करती है। चलो, कृष्ण के शब्दों से इस यात्रा को आसान बनाते हैं।

🕉️ शाश्वत श्लोक

अध्याय 2, श्लोक 47
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

“तुम्हारा केवल कर्म करने में अधिकार है, उसके फलों में कभी नहीं। इसलिए कर्म के फल की इच्छा मत करो, और न ही कर्म न करने में आसक्त हो।”
सरल व्याख्या:
शादी में जब संघर्ष होता है, तो हमारा नियंत्रण केवल अपने कर्मों तक सीमित है — जैसे प्रेम करना, समझना, धैर्य रखना। परिणाम हमारे हाथ में नहीं होता। फल की चिंता छोड़ो, बस अपने कर्तव्य को निभाओ।

🪬 गीता की दृष्टि से मार्गदर्शन

  1. कर्तव्य पर ध्यान दो, फल पर नहीं – अपने साथी के साथ प्रेम और सम्मान से व्यवहार करो, लेकिन परिणाम की चिंता मत करो।
  2. धैर्य और संयम अपनाओ – जैसे कृष्ण कहते हैं, संयमित मन से हर परिस्थिति का सामना करो।
  3. अहंकार को त्यागो – “मैं सही हूँ” की भावना से दूरी बनाओ, समझदारी और सहानुभूति बढ़ाओ।
  4. समान आत्मा समझो साथी को – दोनों की आत्माएँ एक हैं, इसलिए मतभेदों को प्रेम से पिघलाओ।
  5. स्वयं को सुधारो, साथी को नहीं – अपने स्वभाव और कर्मों पर ध्यान दो, दूसरों को बदलना कठिन है।

🌊 मन की हलचल

“मैं चाहता हूँ कि हमारी शादी खुशहाल रहे, पर हर बात पर लड़ाई होती है। क्या मैं गलत हूँ? क्या मेरा साथी गलत है? मैं थक चुका हूँ। क्या यह संघर्ष कभी खत्म होगा?”
ऐसे सवाल मन में उठते हैं, और यह स्वाभाविक है। पर याद रखो, यह संघर्ष तुम्हारे और तुम्हारे साथी के बीच की दूरी नहीं, बल्कि समझदारी की शुरुआत है। हर तूफान के बाद शांति आती है।

📿 कृष्ण क्या कहेंगे...

“हे प्रिय, अपने मन को स्थिर रखो। जब तुम्हारा मन अशांत होगा, तब तुम सही निर्णय नहीं ले पाओगे। अपने कर्म पर ध्यान दो, प्रेम और सम्मान से अपने साथी को देखो। अहंकार को छोड़ दो, क्योंकि वही सबसे बड़ा बाधक है। याद रखो, तुम दोनों एक-दूसरे के प्रतिबिंब हो, इसलिए समझदारी से एक-दूसरे को स्वीकार करो।”

🌱 एक छोटी सी कहानी / उपमा

एक बार दो पक्षी एक ही पेड़ पर बसे थे। पेड़ के झोंकों से वे कई बार लड़ते, पर अंत में वे एक-दूसरे के साथ फिर से बैठ जाते। वे जानते थे कि पेड़ उनका घर है, और झोंके अस्थायी हैं। वैसे ही, शादी में भी संघर्ष आते हैं, पर प्रेम और समझदारी से वे दूर हो जाते हैं।

✨ आज का एक कदम

आज अपने साथी से एक छोटी सी बात प्यार और धैर्य से कहो, बिना किसी उम्मीद के। बस सुनो और समझो। यह एक छोटा कदम है जो बड़े बदलाव की शुरुआत कर सकता है।

🧘 भीतर झांके कुछ क्षण

  • क्या मैं अपने साथी के दृष्टिकोण को समझने की कोशिश कर रहा हूँ?
  • क्या मैं अपने कर्मों में प्रेम और धैर्य ला पा रहा हूँ, बिना फल की चिंता किए?

प्रेम और समझ का सागर तुम्हारा साथी है
संघर्षों को प्रेम और धैर्य के साथ समझो। याद रखो, हर कठिनाई के बाद एक नया सूरज उगता है। तुम अकेले नहीं हो, कृष्ण का आशीर्वाद सदैव तुम्हारे साथ है। इस यात्रा को प्रेम से सजाओ और कदम बढ़ाते रहो।

Footer menu

  • संपर्क

Copyright © 2025 Gita Answers - All rights reserved

Gita Answers Gita Answers