Skip to header Skip to main navigation Skip to main content Skip to footer

User account menu

  • प्रवेश
मुख्य पृष्ठ
Gita Answers
When Life ask Questions Gita Answers

Main navigation

  • मुख्य पृष्ठ

व्यवसाय या कार्य में सही निर्णय कैसे लें?

पग चिन्ह

  • मुख्य पृष्ठ
  • व्यवसाय या कार्य में सही निर्णय कैसे लें?

निर्णय की कला: व्यवसाय में सही राह चुनना
साधक, जब हम व्यवसाय या कार्य क्षेत्र में सही निर्णय लेने की बात करते हैं, तो यह केवल दिमाग़ की लड़ाई नहीं होती, बल्कि मन, बुद्धि और आत्मा का संतुलन भी आवश्यक होता है। तुम्हारे भीतर उठ रहे सवाल और संशय बिलकुल स्वाभाविक हैं। याद रखो, तुम अकेले नहीं हो, हर सफल नेतृत्वकर्ता ने यही संघर्ष किया है।

🕉️ शाश्वत श्लोक

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

(भगवद् गीता, अध्याय 2, श्लोक 47)
हिंदी अनुवाद:
तुम्हारा केवल कर्म करने में अधिकार है, उसके फलों में कभी नहीं। इसलिए कर्म के फल की इच्छा मत करो और न ही कर्म न करने में आसक्त हो।
सरल व्याख्या:
इस श्लोक में श्रीकृष्ण हमें बताते हैं कि निर्णय लेने और कार्य करने का अधिकार तुम्हें है, लेकिन परिणाम की चिंता छोड़ दो। अपने कर्म पर ध्यान दो, परिणाम पर नहीं। इससे मन शांत रहता है और निर्णय स्पष्ट होते हैं।

🪬 गीता की दृष्टि से मार्गदर्शन

  • निर्णय में कर्म योग अपनाओ: परिणाम की चिंता छोड़कर, अपने कर्तव्य और योग्यता के अनुसार कार्य करो।
  • विवेक और बुद्धि का सहारा लो: भावुकता से ऊपर उठकर, तटस्थ बुद्धि से परिस्थिति का मूल्यांकन करो।
  • अहंकार त्यागो: निर्णय में अहं या स्वार्थ न हो, बल्कि संगठन और समाज के हित को ध्यान में रखो।
  • संतुलित मन रखो: न तो अत्यधिक उत्साह हो, न निराशा, बल्कि स्थिरचित्त होकर निर्णय लो।
  • स्वयं पर विश्वास रखो: अपने अनुभव और ज्ञान पर भरोसा रखो, परन्तु जरूरत पड़े तो सलाह भी लो।

🌊 मन की हलचल

तुम्हारे मन में शायद यह सवाल उठ रहा होगा — "क्या मेरा निर्णय सही होगा? अगर गलत हुआ तो?" यह भय और अनिश्चितता स्वाभाविक हैं। पर याद रखो, निर्णय लेने में गलती भी सीख का हिस्सा है। डर को अपने निर्णयों का कैदी मत बनने दो। खुद से पूछो — "क्या मैंने पूरी ईमानदारी और बुद्धिमत्ता से सोचा है?"

📿 कृष्ण क्या कहेंगे...

"हे अर्जुन, निर्णय लेने में संकोच मत कर। जब तुम्हारा मन शांत और बुद्धि स्पष्ट हो, तब कदम बढ़ाओ। मैं तुम्हारे साथ हूँ। कर्म करो, फल की चिंता छोड़ दो। सही और गलत का भेद समझो, पर निर्णय लेने में डरो मत। तुम्हारा कर्म ही तुम्हारा धर्म है।"

🌱 एक छोटी सी कहानी / उपमा

एक बार एक किसान ने नए बीज बोने का निर्णय लिया। वह चिंतित था कि क्या फसल अच्छी होगी या नहीं। उसने पूरी मेहनत से खेत तैयार किया, बीज बोए और पानी दिया। परिणाम की चिंता किए बिना उसने अपना कर्तव्य निभाया। अंत में फसल अच्छी हुई। किसान ने सीखा कि निर्णय सही था क्योंकि उसने अपना कर्म पूरी निष्ठा से किया था।

✨ आज का एक कदम

आज अपने कार्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण निर्णय पर ध्यान दो। उसे लिखो, उसके फायदे-नुकसान सोचो, पर निर्णय लेने के बाद उसका पालन पूरी निष्ठा से करो। परिणाम की चिंता छोड़ दो।

🧘 अंदर झांके कुछ क्षण

  • क्या मैं अपने निर्णय में पूरी ईमानदारी और विवेक का उपयोग कर रहा हूँ?
  • क्या मैं परिणाम की चिंता छोड़कर कर्म पर ध्यान केंद्रित कर सकता हूँ?

निर्णय की शक्ति: आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ो
याद रखो, सही निर्णय लेने का मार्ग कर्मयोग और विवेक से होकर गुजरता है। तुममें वह शक्ति है जो तुम्हें सही दिशा दिखाएगी। अपने भीतर के प्रकाश को पहचानो और विश्वास के साथ कदम बढ़ाओ। मैं तुम्हारे साथ हूँ।

Footer menu

  • संपर्क
Powered by Drupal

Copyright © 2025 Company Name - All rights reserved

Developed and Designed by Alaa Haddad at Flash Web Center, LLC